[PDF] Best Essay Books In Hindi For UPSC & SSC Exams
The UPSC exam is a competitive one and it may feel impossible to get through without proper knowledge of the various topics. It is one of the toughest exams in the country. It’s not just because it’s competitive, but also because you need to know a lot of things about India and its history.
Do you want to clear the exam with flying colors? Do you want to get a high rank?
Read on! Here, are some of the best books for UPSC in Hindi that will help you improve your preparation.
1. Arihant 221 Nibandhmala Essay Book in Hindi PDF
221 Nibandhmala book includes topics about building the skill of writing essays with knowledge about specific topics, being disciplined in thoughts, being analytical when drawing conclusions, being expressive when writing thoughts which are relevant to the essay. Grammatical accuracy & coherence are also key skills that are discussed.
Salient Features:-
- This book has various topics including economics, education, social, politics etc. It touches on a lot of areas which is why you should give it a go.
- It provides a vast library of pre-written essays for students who need to learn how to deliver clear and concise arguments. It also provides guidance on the process of essay writing from brainstorming to revision.
- Designed this Book keeping the needs of students and various exams in mind.
- This book is beginner friendly and provides the necessary skill-sets in order to excel in SSC, Bank and other state government job exams as well.
Book Details:-
Book Name: | 221 Nibandhmala Essay Book |
Author: | Yogesh Chand Jain |
Publisher: | Arihant Publication |
Language: | Hindi |
No of Pages: | 446 Pages |
File Type: | PDF (Downloadable) |
PDF Size: | 69 MB |
2. Disha’s 151 Nibandh Essay Book in Hindi PDF
Disha Publications has put together 151 essays for IAS/ PCS and other competitive exams. This comprehensive collection of essays covers the UPSC Mains exam and State PCSs. All topics are relevant to the IAS/ PCS exams and include complete theoretical guidance on the specific topics. The essays have been written in an impressive style, incorporating detailed information on the topic, ideas for contextual writing, rich vocabulary and analytical skills to arrive at a conclusion.
Book Details:-
Book Name: | 151 Nibandh Essay Book for IAS/PCS & Other Competitive Exams |
Publisher: | Disha Publication |
Language: | Hindi |
No of Pages: | 328 Pages |
File Type: | PDF (Downloadable) |
PDF Size: | 108 MB |
3. Disha’s 7 Years UPSC IAS/PCS Mains Nibandh PDF
Disha’s 7 years UPSC IAS/IPS Mains nibandh Paper 1 – year-wise solved papers (2013 – 2019) Book includes the past 7 years of solved papers for Mains Paper 1 of IAS. The main USP of this product is that word limit for each subscore is strictly followed as per UPSC requirements
Salient Features:-
- All essays are formatted in an introduction section, main content (including proofreading) and end; coherent development of ideas; with thoroughly updated facts & stats; with no grammatical or syntactical errors.
- Each nibandh is backed with in-depth research and written in some of the most fluent and eloquent language you will find.
- I think it’s a good book if you’re an aspiring UPSC, but one thing that I missed was a mock paper that could have helped me practice.
Book Details:-
Book Name: | 7 Years UPSC IAS/PCS Mains Nibandh Book for IAS/IPS Mains |
Publisher: | Disha Publication |
Language: | Hindi |
No of Pages: | 177 Pages |
File Type: | PDF (Downloadable) |
PDF Size: | 3.71 MB |
4. Niband Bodh (Hindi Edition) PDF – Spectrum Books
Niband Bodh Book by Spectrum covers a variety of topics and writing styles, and acquaints the reader with the nuances of essay-writing. One great feature of Nidandh is a section containing a large selection of quotations from various famous people on writing style.
This book has been revised to include new information, facts, figures etc. The obsolete info has been removed. Some essays have also been rewritten. Several new essays have been added; there is a new set of essays on issues of current importance.
Salient Features:-
- Each of the topics is thoroughly researched and written in a flawless language.
- Have been sorted alphabetically by subject to make it easier to find the right information.
- The book covers topics in different styles and helps readers learn how to write an essay.
Book Details:-
Book Name: | Niband Bodh |
Publisher: | Spectrum Books |
Language: | Hindi |
No of Pages: | 538 Pages |
File Type: | PDF (Downloadable) |
PDF Size: | 1.49 MB |
5. Disha 7 Varsh UPSC IAS_ IPS Mains Hindi PDF
Book Details:-
Disha 7 years UPSC Civil Services IAS Mains nibandh year-wise solved (2013 – 2019) Book contains detailed explanations of the most frequently asked questions on the IAS Mains Paper 1, specifically geared towards meeting with UPSC requirements. You can always use this book to hone your skills before exam day arrives.
Book Name: | 7 Varsh UPSC IAS_ IPS Mains Hindi |
Publisher: | Disha Publication |
Language: | Hindi |
No of Pages: | 173 Pages |
File Type: | PDF (Downloadable) |
PDF Size: | 11.2 MB |
Useful Essay Books you should prepare for:-
Some Important Essays in Hindi
अ’पनी छोटी परंपरा के बावजूद निबंध अपनी संपन्नता और विविधता में श्लाघ्य उअः । समाज से संबंधित सभी विषयों पर निबंध लिखे जाते हैं और इसीलिए इसमें शिल्पगत विविधता तथा शक्ति-सम्पन्नता मिलती है। निबंध, गद्य की सर्वाधिक सम्पन्न विधा है और इसमें भाषा का मानक तथा प्रांजल रूप सामने आता है। निबंध के विषय में लिखने का अभिप्राय न तो इसकी परिभाषा बतानी है, न इसका इतिहास बताना है और न ही इसकी शब्द-निष्पत्ति को विश्लेषित करना ही है, अपितु इसके विस्तृत क्षेत्र को उललेखित करना है। निबंध तो अपने खुलेपन के कारण किसी भी परिभाषा से परे है। वस्तुतः, यदि देखा जाए, तो परिभाषा किसी भी विधा को शासित और नियंत्रित नहीं करती। निबंध अपनी स्वच्छंद प्रवृत्ति के कारण अनेक दिशाओं में व्याप्त है। यह एक समृद्ध साहित्यिक विधा है और सम्प्रेषण का उत्कृष्ट साधन भी।
निबंध अंग्रेजी साहित्य से हिंदी जगत में आई नवीन साहित्यिक विधा है। निबंध को अंग्रेजी शब्द “8554५” का अनुवाद माना जाता है जिसकी उत्पत्ति फ्रेंच भाषा के शब्द “8559 से हुई है, जिसका अर्थ है ‘प्रयास करना” या “गद्य में छोटी रचना!। इसका सर्वप्रथम प्रयोग 580 में मान्तेन द्वारा अपनी छोटी रचनाओं के लिए किया गया। मान्तेन को आधुनिक निबंध का जनक माना जाता है। उनके विचार में निबंध
लेखक के व्यक्तिगत विचारों, उद्धरणों तथा कथाओं का मिश्रण है जो दूसरो तक सम्प्रेषित किए जाते हैं। अर्थात् निबंध लेखक के अपने व्यक्तित्व तथा विचारों का प्रक्षेपण है। इसी प्रकार ऑक्सफोर्ड कन्साइज डिक्शनरी के अनुसार, निबंध किसी विषय पर आधारित
एक ऐसी साहित्यिक रचना है जो आकार में लघु तथा गदूय में रची जाती है। एक निबंध प्रायः कुछ पृष्ठों का होता है, लेकिन इसकी कोई निश्चित लम्बाई नहीं होती (एक परीक्षा में, हालांकि, प्रायः शब्द सीमा दी जाती है; यदि नहीं दी गई है तो समय सीमा इसकी लम्बाई को सुनिश्चित करती है। तीन घंटे की समय सीमा की स्थिति में, आपसे| लगभग 2000-2500 शब्दों का निबंध लिखने की आशा की जाती है।॥)। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध को शामित्र करने का उट्टेश्य अभ्यर्थी की
भआषिक क्षमता के साथ-साथ उसकी वैचारिक दृष्टि तथा मानसिक प्रवृत्ति को परखना है। यही बात अभ्यर्थी को निबंध लेखन के लिए समझना अत्यंत आवश्यक है कि विषय कोई भी हो, आपके पास कितने भी तथ्य क्यों न हों, कितना ही ज्ञान भले क्यों न हो, परन्तु व्यक्तिगत दृष्टिकोण के बिना अच्छा निबंध लिखना अत्यंत दुष्कर कार्य है।
अभ्यर्थी को निबंध, प्रबंध तथा लेख में भी स्पष्ट अंतर ज्ञात होना चाहिए। परीक्षक को पर्याप्त अनुभव तथा ज्ञान होता है और वह भल्री-भांति निबंध, प्रबंध तथा लेख मैं उपस्थित अंतर को जानता है। इसलिए अभ्यर्थी के लिए भी इसे समझना आवश्यक है। प्रबंध में लेखक विषय संबंधी ज्ञानचातुर्य को सूक्ष्म विवेचन के आधार पर विशिष्ट आषा शैली क॑ माध्यम से प्रस्तुत करता है। लेखक के अदृश्य रहने से उसके व्यक्तित्व का समावेश प्रवंध में नहीं होता तथा आकार की दृष्टि से भी यह निबंध से कई गुना हो सकता है, जबकि निवंध में लेखक के निजी विचारों तथा हृदयानुभूति को लघु आकार होने पर भी पूरा स्थान मिलता है।
प्रबंध में पुस्तकीय ज्ञान का महत्व अधिक होता है और निबंध में हार्दिकता तथा विचार का समन्वय होता है। प्रबंध और निबंध की भाषा-शैली में भी बहुत अंतर होता है। प्रबंध की भाषा तथा रचना शैली विद्धतापूर्ण, यहां तक कि कभी-कभी पारिभाषिक शब्दावली जैसी, शुष्क तथा धीर-गंभीर होती है और निबंध की भाषा और शैली मनोरम, सुगम तथा सरस होती है।
इसी प्रकार लेख (१7४०९) निबंध की तुलना मैं भावगत विशेषताओं के आधार पर प्रबंध के अधिक निकट होता है। लेख सूचना प्रधान होता है, जिसमें तथ्यों की महत्ता दूसरी विधाओं की तुलना में अधिक होती है। लेख में लेखक के व्यक्तित्व की छाप भी रहती है, लेकिन निबंध की तुलना में वेहद कम क्योंकि लेख में सूचना का तत्व प्रभावी हो जाता है और निबंध में लेखक की आत्माभिव्यक्ति को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है।
“निवंध’ को ‘संघ लोक सेवा आयोग’ के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के लोक सेवाआयोगों की मुख्य परीक्षाओं में एक विषय के रूप मैं स्थापित किया गया है। “संघ लोक सेवा आयोग’ की मुख्य परीक्षा में जब से निबंध को विषय के रूप में स्थापित किया गया है, तब से परीक्षा की उत्तीर्णता में इसकी अहम भूमिका हो गयी है। निबंध के लिए 250 अंक निर्धारित किए गए हैं जिसमें दो खण्डों (खण्ड क और खण्ड ख)
के अंतर्गत प्रत्येक में एक निबंध करना होता है और प्रत्येक निबंध की शब्द सीमा 000-200 के बीच होनी चाहिए। यदि इसमें सम्यक् विषय का चयन कर शिल्प एवं कथ्य दोनों की सम्पुष्ट अभिव्यक्ति की जाए, तो अधिकाधिक अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। लोक सेवा आयोगों की परीक्षाओं में एक-एक अंक कितने मायने रखते हैं, यह तो इसके अभ्यर्थी अच्छी तरह से जानते ही हैं।
निबंध के प्रकार
प्रकृति के आधार पर विद्वान निबंध के मुख्यतः चार प्रकार मानते हैं. 0) वर्णनात्मक; (४) भावात्मक; (॥) व्याख्यात्मक; तथा (५) विचारात्मक। वर्णनात्मक किसी घटना, वस्तु एवं दृश्य का सजीव वर्णन रोचक तरीके से किया जाता है।
भावात्मक कल्पना प्रधान, चिंतन मनन से हटकर जीवन में राग और भावना का संचार करने वाले विषयों को भावात्मक निबंधों की श्रेणी में रखा जाता है।
व्याख्यात्मक किसी विषय जैसे ऐतिहासिक, पौराणिक तथा जीवनियां आदि से संबंधित कहानी तथा कथा का रोचक वर्णन इसके अंतर्गत आता है।
विचारात्मक मनोवैज्ञानिक, साहित्यिक, सामाजिक, दार्शनिक, वैज्ञानिक एवं विषय संबंधी जैसे अर्थशास्त्र आदि से संबंधित सिद्धांत तथा विचार सूत्र इसके अंतर्गत आते हैं। चिंतन, मनन, अनुभव तथा तर्क के आधार पर विचारात्मक निबंधों का सृजन होता है।
विभिन्न प्रकार के निबंधों में से विचारात्मक निबंधों को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि केवल विचारात्मक निबंधों में ही लेखक को अपने भावों तथा भाषा की पूर्ण अभिव्यक्ति करने का पूरा स्थान और अवसर प्राप्त होता है। इसलिए सामान्यतः विचारात्मक निबंध को अन्य की अपेक्षा श्रेष्ठ माना जाता है। यद्यपि भावात्मक निबंध की अपनी विशेष महत्ता है। यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि कोई भी निबंधकार विचारात्मक एवं भावात्मक में से किसी भी तत्व की अवहेलना कर निबंध की रचना नहीं कर सकता। विचारों और भावों की यथोचित युति से ही उत्तम श्रेणी के निबंधों की रचना होती है।
परीक्षार्थियों से निबंध के संदर्भ में जो अपेक्षाएं रखी जाती हैं, उन्हें निम्न बिंदुओं
के आलोक में परखा जा सकता है
() विषय का चयन; (॥) विचारों की क्रमबद्धता; (॥) विषय से निकटता; (0) संक्षिप्तता; (४) प्रभावशीलता एवं अभिव्यक्ति की सटीकता; (छा) भाषागत शुद्धि; (शत) कध्य एवं शिल्प का सुंदर समायोजन। निबंध का प्रारूप निबंध लेखन की दृष्टि से निबंध का प्रारूप अत्यंत महत्वपूर्ण है। सामान्यतः निबंध को तीन भागों 0) भूमिका या विषय-निरूपण; (8) कथ्य या व्याख्या या मुख्य भाग; (99) निष्कर्ष या उपसंहार में रखा जाता है।
Useful Books for Competitive Exams
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